रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय गारुड तलनम वार भाषइ, लाडि भोजाइ आमि पिशाचि अमुकार (नाम) Mohini Vashikaran, the ancient https://deanexktb.tkzblog.com/34356941/boy-vashikaran-no-further-a-mystery